अनेकार्थी = अनेक+अर्थी अर्थात कई अर्थ वाले।
ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं और वे अलग अलग भावों को प्रकट करने हेतू वाक्यों में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं।
उदाहरण -
- गुरु - शिक्षक, एक ग्रह, एक दिन, श्रेष्ठ, भार, बड़ा।
- कल - मशीन, सुख, बीता दिन, आने वाला दिन।
- कला - हुनर, कौशल, एक अंश।
- कर - हाथ, टैक्स, किरण, हाथी की सूँड, ओला, राजस्व, छल।
- काम - कार्य, पेशा, धंधा, वासना, कामदेव, लालसा, मतलब।
- कोटि - करोड़, प्रकार, श्रेणी, धनुष का सिरा।
- कृष्ण - काला, भगवान कृष्ण।
- कंचन - सोना, धन दौलत, निर्मल, काँच, संपत्ति, धतूरा।
- काल - समय, मृत्यु, यमराज, क्रिया के तीन रूप, अवसर।
- कपाल - खोपड़ी, भाग्य, ढ़क्कन, अंडे का छिलका, खाजड़ा।
- कंठ - घेघा, गर्दन, स्वरनलिका, स्वर, समीप्य, हँसली, किनारा।
- कक्ष - कमरा, काँख, श्रेणी, भूमि, सूखी घास, कछौरा।
- कमल - पानी में होने वाला पौधा, जल, ताँबा, सारस, आँख का कोया, मूत्राशय, एक दानव के नाम।
- कमला - लक्ष्मी, धन, संतरा, रूपवती स्त्री, ढोला।
- कलश - घड़ा, मंदिरों या मकानों के शिखर पर कँगूरा, चोटी।
- कान - सुनने की इंद्रिय, चारपाई का टेढ़ापन, तराजू का पासंग, नाव की पतवार, रंजकदानी, कडाही आदि वर्तनों का दस्ता या हैंडल।
- कुत्ता - श्वान, बंदूक का घोड़ा, क्षुद्र, लपटौवा।
- केश - कमरा, काँख, श्रेणी, भूमि सिर के बाल, रश्मि, वरुण, विश्व, विष्णु, सूर्य।
- कोठी - हवेली, बड़ी दुकान, अनाज रखने का कुठला, गर्भाशय।
- कपि - बंदर, हाथी, कंजा, सूर्य, विष्णु।
- कवि - कविता रचने वाला, कलविद, तत्त्वचिंतन, ऋषि, ब्रह्मा, शुक्राचार्य, अग्नि, सूर्य, वरुण, आत्मा, लगाम।
- किनारा - तट, हाशिया, सिरा, पार्श्व।
- कील - किला, खंभा, नाक का एक गहना, मेख।
- कुंडली - इमरती, गोल रचना, गेंडुरी।
- काम - कार्य, नौकरी, काम वासना, कृति, कढ़ाई, आदि।
- अरुण - लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, प्रभात का सूर्य
- अपेक्षा - इच्छा, आवश्यकता, आशा
- अंक - भाग्य, गिनती के अंक, गोद, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या,परिच्छेदन
- अंबर - आकाश, अमृत, वस्त्र, एक सुगन्धित पदार्थ
- आम - आम का फल, साधारण, विख्यात
- अंश - हिस्सा, कोण का अंश, किरण
- अज - ब्रह्मा, बकरा, दशरथ का पिता,शिव
- अतिथि - मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि
- ईश्वर - परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल
- इतर - दूसरा, साधारण, नीच
- इंगित - संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना
- इन्द्र - देवराज, राजा, रात्रि
- ऐरावती - इरावती नदी, बिजली, वटपत्री
- एकाक्ष - काना, कौवा
- ओक - पक्षी, शूद्र, मतली, घर, पनाह
- औसत - बीच का, साधारण, दरमियानी
- काल - समय, मृत्यु, यमराज
- कर्ण - कर्ण (नाम), कान
- कम्बल - आँसू, ऊनी वस्त्र, गाय के गले का रास
- कुरंग - हिरण, नीला, बदरंग
- कुंभ - घड़ा, एक राशि, हाथी का मस्तक
- काँटा - कीला, पेड़-पौधों की नोक, मछली की हड्डी, तौलने का एक साधन।
- कायदा - तरीका, नियम, रिवाज।
- कोट - गढ़, समूह, पहने का एक कपड़ा।
- कोटि - करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
- कोरा - बिल्कुल नया, अप्रयुक्त, अलिखित (कागज), गुणरहित (व्यक्ति)।
- क्रिया - कर्म, कार्यवाही।
- काक - कौआ, एक द्वीप, एक माप, एक प्रकार का तिलक।
- गज - हाथी, एक राक्षस, आठ की संख्या, लम्बाई मापने की एक माप, एक प्रकार का तीर।तीन फीट की नाप, नींव।
- गति - अवस्था, प्रयत्न की सीमा, शरण, चेष्टा, माया, ढंग, पैंतरा, चाल हालत, दशा, चक्कर, मोक्ष, लीला, अंतिम संस्कार।
- गण - समुदाय, नर, प्रेतादि, छंद के गण, भगवान शिव के गण।
- गुण - शील, रस्सी, कौशल स्वभाव, धर्म, सत्त्व रज, तम (मानव में पाये जाने वाले तीन गुण), हुनर, विशेषता।
- गंभीर - जटिल, गहरा, घना, भारी, शांत, चिंताजनक।
- गर्दन - ग्रास लेने का स्थान, आवाज।
- गाँठ - फंदा, गठरी, मनमुटाव, गिरह।
- गोला - बम, गोल पिंड, पेट का वायु पिण्ड।
- गुलाबी - गुलाबी रंग, झींगा मछली की क्रांति से सम्बन्धित, इन्द्रधनुष।
- चक्र - पहिया, भवचक्र, चक्का, चक्रवात, मंडल, वर्ष समूह, षडयंत्र, योग चक्र।
- चन्द्र - चन्द्रमा, जल, सोना, नक्षत्र, कपूर, तिलक।
- चश्मा - ऐनक, स्रोत, झरना।
- चाय - पेय पदार्थ, फसल, नशा।
- चाल - गति, रफ्तार, रियाज, चलने का ढंग।
- चौकी - कुर्सी, पटरा, लकड़ी का आसन।
- चपला - बिजली, लक्ष्मी, माँग, चंचल स्त्री।
- जलज - कमल, मोती, शंख, मछली, जोंक, चन्द्रमा
- जड़- मूल, मूर्ख, सरदी से ठिठुरा, अचेतन
- ज्येष्ठ- (जेठ) पति का बड़ा भाई, बड़ा, हिन्दी महीना
- तीर -बाण, किनारा, तट
- तात -पूज्य, प्यारा, मित्र, पिता
- तमचर -उल्लू, राक्षस, चोर
- तनु -शरीर, पतला, कम, कोमल
- दल -पत्ता, समूह, सेना, पक्ष
- दक्ष- कुशल, अग्नि, नदी, प्रजापति
- द्विज- ब्राह्मण, पक्षी, दाँत, चंद्रमा
- घन -बादल, अधिक, घना, गणित का घन, पिण्ड, हथौड़ा
- घर -सम्पत्ति, स्त्री, भूमि, नायिका, जोड़
- धर्म -प्रकृति, स्वभाव, कर्तव्य, सम्प्रदाय
- पतंग -सूर्य, पक्षी, टिड्डी, फतिंगा, गुड्डी,
- पूर्व - पहले, पिछला, पुराना, एक दिशा
- फल -लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक
- फन- साँप का फण, हूनर
- भाग -हिस्सा, विभाजन, भाग्य
- मान -सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप-तौल, मानना
- महावीर -हनुमान, बहुत बलवान्, जैन तीर्थकर
- चर - चलने वाला, जासूस, कौड़ी, नदी के किनारे की गीली भूमि, खंजन पक्षी।
- चंदा - चंद्रमा, उगाही, किसी संस्था की सदस्यता के लिए समय-समय पर दिया जाने वाला धन।
- चरण -पैर, बड़ों का सान्निध्य, किसी चीज का चौथाई भाग, मूल गोत्र, क्रम, आचार, सूर्य आदि की किरण, अनुष्ठान, गमन।
- चित्र -तिलक, तस्वीर, एक वर्णवृत्त, अलंकार, आकाश, चित्रगुप्त, विचित्र, चितकबरा, रंगबिरंगा।
- अदृष्ट- जो देखा न जाए, भाग्य, गुप्त, रहस्य।
- अक्षर -अविनाशी, वर्ण, ईश्वर, आत्मा, आकाश, धर्म, तप।
- अब्धि- सागर, समुद्र।
- अंतर -हृदय, भेद, फर्क, व्यवधान, अवधि, अवसर।
- अमर -ईश्वर, देवता, शाश्वत, आकाश और धरती के मध्य में।
- अधर -होंठ, नीचे, पराजित
- अर्क -सूर्य, रस, आका का पौधा।
- अनंत -आकाश, जिसका अंत न हो, ईश्वर, शेषनाग।
- आली -सखी, पंक्ति।
- उपचार -इलाज, उपाय।
- अरूण -हल्का लाल रंग, सूर्य का सारथी, प्रभात का सूर्य।
- अवकाश -छुट्टी, बीच के आराम का समय, मौका।
- अपवाद -निंदा, किसी नियम का विरोधी।
- अभिजात -पूज्य, उच्च कुल का, सुंदर।
- और -तथा, दूसरा, अधिक, योजक शब्द।
- जगह - स्थान, मौका, ओहदा, गुंजाइश।
- जनक - उत्पादक, पिता, मिथिला के प्राचीन राजवंश की उपाधि, सीता के पिता।
- जवान - जीभ, बात, प्रतिज्ञा, भाषा।
- जमीन - भूमि, पृथ्वी, मिट्टी, भूमिका, चित्र लिखने के लिए मसाले से तैयार की हुई सतह।
- जान - ज्ञान, ख्याल, चतुर, प्राण, बल, सार, शोभा बढाने वाली वस्तु।
- टेक - हठ, सहारा, गीत का प्रथम पद, टेव।
- टीका - तिलक, राजतिलक, युवराज, धब्बा, व्याख्या, आधिपत्य का चिह्न, दोनों भौहों के बीच का मध्य भाग।
- टाँका - सोने के साथ प्रयुक्त फ्यूल, पानी भरने का स्थान।
- टाँकना - ठोकना (दीवार), बटन आदि जोड़ना, पराजित करना।
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